
मौसम update
मौसम उत्तर भारत में हाल ही में मौसम में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा गया है। फरवरी 2025 में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सामान्य से अधिक तापमान और कम वर्षा की भविष्यवाणी की है। जनवरी में, देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1901 के बाद तीसरा सबसे अधिक है। इस महीने में औसतन 4.5 मिमी वर्षा हुई, जो 1901 के बाद से चौथी सबसे कम है। IMD के अनुसार, फरवरी में वर्षा में 81% की कमी हो सकती है। उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इस मौसम परिवर्तन का कृषि और दैनिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
उत्तर भारत में हाल ही में मौसम में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए हैं। चंडीगढ़ में आज बादल छाए रहेंगे, तापमान 19°C है। शाम तक बारिश की संभावना है। दिल्ली में मौसम मुख्यतः साफ़ है, वर्तमान तापमान 22°C है। हालांकि, शाम तक हल्की बारिश या तूफ़ान की संभावना है। लखनऊ में अधिकतम तापमान 32°C है, आंशिक बादल छाए हुए हैं। जयपुर में तापमान 27°C है, बादल और धूप का मिश्रण देखा जा रहा है। शिमला में तापमान 10°C है, बादल छाए हुए हैं, और बारिश की संभावना है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग ने चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में तूफ़ान के लिए नारंगी चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी शाम 6:30 बजे तक प्रभावी है। तूफ़ान के साथ ओलावृष्टि की संभावना है, विशेषकर फतेहगढ़ साहिब, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, मालेरकोटला, पटियाला, रूपनगर, संगरूर, एस.ए.एस नगर, और शाहिद भगत सिंह नगर में।
हाल के अध्ययनों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण उष्णकटिबंधीय बारिश के पैटर्न में बदलाव हो रहा है। बारिश की यह धारा उत्तर की ओर बढ़ रही है, जिससे हिमालयी क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो रही है। यह परिवर्तन अगले 20 वर्षों तक जारी रह सकता है। इसका प्रभाव कृषि और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की ताज़ा जानकारी प्राप्त करें और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां तूफ़ान और ओलावृष्टि की संभावना है, सतर्क रहना आवश्यक है।
बहुत बुरा मौसम: Chandigarh
शुक्र, 28 फ़र॰, 3:45 pm – शुक्र, 28 फ़र॰, 6:30 pm
तूफान के लिए नारंगी चेतावनी 6:30अप. IST बजे तक लागू है। स्रोत: भारत मौसम विभाग
अभी 19° · बादलों वाला
चंडीगढ़, भारत

![]() | 21°13° | बारिश के आवर्तन |
![]() | 24°11° | क्षेत्र के कुछ हिस्सों में एक तूफान |
![]() | 25°10° | धुँधला सूरज |
![]() | 26°15° | धुँधला सूरज |
![]() | 24°10° | एक या दो बौछारें |
![]() | 25°10° | चमकदार धूप |
![]() | 27°16° | अधिकांशत: धूप वाला |
उत्तर भारत में फरवरी 2025 के दौरान मौसम में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे जा रहे हैं। हालांकि, इस अवधि में उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में बर्फबारी की घटनाएं कम रही हैं, जिससे तापमान में वृद्धि और वर्षा में कमी देखी गई है। हाल ही में, जम्मू-कश्मीर में एक हिमस्खलन में 41 श्रमिक फंस गए, जिससे क्षेत्र में तापमान में और वृद्धि हुई है।
तापमान में वृद्धि:
IMD के अनुसार, उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। जनवरी 2025 में, देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1901 के बाद तीसरा सबसे अधिक है। इससे संकेत मिलता है कि फरवरी में भी गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा।
वर्षा में कमी:
फरवरी 2025 में, उत्तर भारत के राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। जनवरी में, देश में औसतन 4.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 1901 के बाद से चौथी सबसे कम है। IMD के अनुसार, फरवरी में वर्षा में 81% की कमी हो सकती है, जिससे कृषि और जल संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
ला नीना का प्रभाव:
वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में कमजोर ला नीना प्रभाव सक्रिय है, जो अप्रैल 2025 तक जारी रह सकता है। इसका प्रभाव तापमान और वर्षा पैटर्न पर देखा जा रहा है, जिससे मौसम में अप्रत्याशित परिवर्तन हो रहे हैं।
क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान:
चंडीगढ़ में, 28 फरवरी को बारिश की संभावना है, जबकि 1 मार्च को कुछ हिस्सों में तूफान की चेतावनी है। अमृतसर में, 28 फरवरी को अधिकतर बादल छाए रहेंगे, और 1 मार्च को तापमान में वृद्धि होगी। गुरुग्राम में, 28 फरवरी को बादल छंटने के बाद कुछ धूप देखने को मिलेगी, और 1 मार्च को एक या दो तूफान की संभावना है। लखनऊ में, 28 फरवरी को अधिकतर बादल छाए रहेंगे, और 1 मार्च को बादल छंटने के बाद धूप निकलेगी।
निष्कर्ष:
उत्तर भारत में फरवरी 2025 के दौरान मौसम में गर्मी बढ़ने और वर्षा में कमी की संभावना है। ला नीना प्रभाव और बदलते जलवायु पैटर्न के कारण यह परिवर्तन हो रहे हैं, जो कृषि, जल संसाधन और जनजीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।